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"हे मेरे अमर सुरावाहक / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर
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18:39, 17 मार्च 2011 के समय का अवतरण
हे मेरे अमर सुरा वाहक,
निज प्रणय ज्वाल सी सुरा लाल
तुम भरो हृदय घट में मादक!
चिर स्नेह हीन मेरा दीपक
दीपित न करोगे तुम जब तक
कैसे पाऊँगा दिव्य झलक?
अधरों पर धर निज मदिराधर
तुम जिसे पिलाते हो क्षण भर
वह तुम पर हो चिर न्योछावर
मधु घट सा उठता छलक छलक!
हे मेरे मधुर सुरा वाहक,
मैं हूँ मधु अधरों का ग्राहक!
ढालो निज पावक दुख-दाहक
मद से हो जाएँ अवश पलक!