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− | उसकी शहादत के बाद बाकी लोग | + | उसकी शहादत के बाद बाकी लोग <br /> |
− | किसी दृश्य की तरह बचे | + | किसी दृश्य की तरह बचे <br /> |
− | ताज़ा मुंदी पलकें देश में सिमटती जा रही झांकी की | + | ताज़ा मुंदी पलकें देश में सिमटती जा रही झांकी की <br /> |
− | देश सारा बच रहा बाकी | + | देश सारा बच रहा बाकी <br /> |
− | उसके चले जाने के बाद | + | उसके चले जाने के बाद <br /> |
− | उसकी शहादत के बाद | + | उसकी शहादत के बाद <br /> |
− | अपने भीतर खुलती खिडकी में | + | अपने भीतर खुलती खिडकी में <br /> |
− | लोगों की आवाजें जम गयीं | + | लोगों की आवाजें जम गयीं <br /> |
− | उसकी शहादत के बाद | + | उसकी शहादत के बाद<br /> |
− | देश की सबसे बड़ी पार्टी के लोगों ने | + | देश की सबसे बड़ी पार्टी के लोगों ने<br /> |
− | अपने चेहरे से आंसू नहीं , नाक पोंछी | + | अपने चेहरे से आंसू नहीं , नाक पोंछी <br /> |
− | गला साफ़ कर बोलने की | + | गला साफ़ कर बोलने की<br /> |
− | बोलते ही जाने की मशक की | + | बोलते ही जाने की मशक की <br /> |
− | उससे सम्बंधित अपनी उस शहादत के बाद | + | उससे सम्बंधित अपनी उस शहादत के बाद<br /> |
− | लोगों के घरों में, उनके तकियों में छिपे हुए | + | लोगों के घरों में, उनके तकियों में छिपे हुए<br /> |
− | कपड़े की महक की तरह बिखर गया | + | कपड़े की महक की तरह बिखर गया<br /> |
− | शहीद होने की घड़ी में वह अकेला था ईश्वर की तरह | + | शहीद होने की घड़ी में वह अकेला था ईश्वर की तरह<br /> |
लेकिन ईश्वर की तरह वह निस्तेज न था. | लेकिन ईश्वर की तरह वह निस्तेज न था. |
22:45, 23 मार्च 2011 का अवतरण
उसकी शहादत के बाद बाकी लोग
किसी दृश्य की तरह बचे
ताज़ा मुंदी पलकें देश में सिमटती जा रही झांकी की
देश सारा बच रहा बाकी
उसके चले जाने के बाद
उसकी शहादत के बाद
अपने भीतर खुलती खिडकी में
लोगों की आवाजें जम गयीं
उसकी शहादत के बाद
देश की सबसे बड़ी पार्टी के लोगों ने
अपने चेहरे से आंसू नहीं , नाक पोंछी
गला साफ़ कर बोलने की
बोलते ही जाने की मशक की
उससे सम्बंधित अपनी उस शहादत के बाद
लोगों के घरों में, उनके तकियों में छिपे हुए
कपड़े की महक की तरह बिखर गया
शहीद होने की घड़ी में वह अकेला था ईश्वर की तरह
लेकिन ईश्वर की तरह वह निस्तेज न था.