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"मौसम के फूल / शतदल" के अवतरणों में अंतर

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14:53, 25 मार्च 2011 का अवतरण

गंध के धनुष खींचे आ गए
मौसम के फूल ।

फूल जो लुभाते हैं,
प्राण तक चुराते हैं ।

कानों में मंत्र गीत गा गए
मौसम के फूल ।

रंग के कथानक हैं,
उत्सव के मानक हैं ।

दिशा-दिशा में कैसे छा गए
मौसम के फूल,
गंध के धनुष खींचे आ गए
मौसम के फूल !
</poem