भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नदी-2 / श्याम बिहारी श्यामल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्याम बिहारी श्यामल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> चट्टानो…)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:23, 31 मार्च 2011 के समय का अवतरण

चट्टानों से खूब लड़ी
बढ़ती चली
बहती गई

मगर वह ठहरी नदी
बाँधी गई
साधी गई