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"यह क्यों / दुष्यंत कुमार" के अवतरणों में अंतर

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हर उभरी नस मलने का अभ्यास
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रुक रुककर चलने का अभ्यास
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छाया में थमने की आदत
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यह क्यों ?
  
हर उभरी नस मलने का अभ्यास<br>
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जब देखो दिल में एक जलन
रुक रुककर चलने का अभ्यास<br>
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उल्टे उल्टे से चाल-चलन
छाया में थमने की आदत<br>
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सिर से पाँवों तक क्षत-विक्षत
यह क्यों?<br><br>
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यह क्यों ?
  
जब देखो दिल में एक जलन<br>
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जीवन के दर्शन पर दिन-रात
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पण्डित विद्वानों जैसी बात
सिर से पाँवों तक क्षत-विक्षत<br>
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यह क्यों?<br><br>
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जीवन के दर्शन पर दिन-रात<br>
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पण्डित विद्वानों जैसी बात<br>
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लेकिन मूर्खों जैसी हरकत<br>
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यह क्यों?<br><br>
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11:06, 4 अप्रैल 2011 का अवतरण

हर उभरी नस मलने का अभ्यास
रुक रुककर चलने का अभ्यास
छाया में थमने की आदत
यह क्यों ?

जब देखो दिल में एक जलन
उल्टे उल्टे से चाल-चलन
सिर से पाँवों तक क्षत-विक्षत
यह क्यों ?

जीवन के दर्शन पर दिन-रात
पण्डित विद्वानों जैसी बात
लेकिन मूर्खों जैसी हरकत
यह क्यों ?