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"भरियाँ बंदूकां / हिमाचली" के अवतरणों में अंतर

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11:00, 5 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

भरियाँ बंदूकां राजा होया तैयार
मारी जे लैणा सैले बागे दा मोर
न तुसां मारे ओ राजा चिड़ियाँ तोते
न तुसां मारे ओ सैले बागे दा मोर
क्या ता लगदे ओ राणी चिड़ियाँ तोते
क्या ता लगदा सैले बागे दा मोर
सासु दे जाये राजा चिड़ियाँ तोते
अम्मा दा जाया सैले बागे दा मोर
भारियां बंदूकां राजें खेल्या शकार
मारी जे ल्यंदा सैले बागे दा मोर
उठो जी राणी करयो रसो
अव्वल बनायो सैले बागे दा मोर
बखिया भी पेड सिरे भी पेड
मेते नी बंणदा सैले बागे दा मोर
उठो जी राणी तुसां खाई लो रसो
छैल बणाया सैले बागे दा मोर
उत्त्चे ते छड़ी की रानिये दीती है छाल
जान गुआणी ओ वीरा तेरे ही नाल