भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तुलना / मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर
 
|संग्रह=मृत्यु-बोध / महेन्द्र भटनागर
 
}}
 
}}
 +
{{KKAnthologyDeath}}
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>

01:45, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

शिव में
शव में
अन्तर है मात्रा इकार का
(तीसरे वर्ण वार का।)

शिव —
मंगलकारी है
सुख झड़ता है!

शव —
अनिष्ट-सूचक
केवल सड़ता है!

शिव के तीन नेत्र हैं,
शव अंधा है!

कैसा गोरखधंधा है?