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"मृत्यु / अष्टभुजा शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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कराह सुनकर
 
कराह सुनकर
 
 
जो न टूटे
 
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नींद नहीं,
 
नींद नहीं,
 
 
मृत्यु है
 
मृत्यु है
 
 
   
 
   
 
 
चाहे जितना थका हो आदमी
 
चाहे जितना थका हो आदमी
 
 
और चाहे जब सोया हो ।
 
और चाहे जब सोया हो ।
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01:57, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

कराह सुनकर
जो न टूटे
नींद नहीं,
मृत्यु है
 
चाहे जितना थका हो आदमी
और चाहे जब सोया हो ।