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"उषा / ज़िया फ़तेहाबादी" के अवतरणों में अंतर

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रैन अँधेरे भागे भागे  
 
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सोनेवाले जागे जागे  
 
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उषा आई, उषा आई  
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तू भी जाग ओ नींद के माते जाग उजाले की पूजा कर  
 
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सोए हुए देवों को जगा दे घंटे और घड़ियाल बजा कर  
 
सोए हुए देवों को जगा दे घंटे और घड़ियाल बजा कर  
 
खोल दिए कुदरत ने ख़ज़ाने
 
खोल दिए कुदरत ने ख़ज़ाने
 
छेड़ दिए चिड़ियों ने तराने
 
छेड़ दिए चिड़ियों ने तराने
उषा आई, उषा आई  
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कलियाँ चटकीं, सब्ज़ा लहका, गुलशन महका, जीवन दहका  
 
कलियाँ चटकीं, सब्ज़ा लहका, गुलशन महका, जीवन दहका  
 
सपनों में गुम रहने वाला भी इस दोराहे पर बहका  
 
सपनों में गुम रहने वाला भी इस दोराहे पर बहका  

08:21, 11 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

वो उषा की देवी आई, किरणों का परचम लहराती
जीवन की सुन्दर बगिया में आशा की कलियाँ महकाती
रैन अँधेरे भागे भागे
सोनेवाले जागे जागे
उषा आई, उषा आई
 
तू भी जाग ओ नींद के माते जाग उजाले की पूजा कर
सोए हुए देवों को जगा दे घंटे और घड़ियाल बजा कर
खोल दिए कुदरत ने ख़ज़ाने
छेड़ दिए चिड़ियों ने तराने
उषा आई, उषा आई
 
कलियाँ चटकीं, सब्ज़ा लहका, गुलशन महका, जीवन दहका
सपनों में गुम रहने वाला भी इस दोराहे पर बहका
धरती ने ली इक मस्त अंगडाई
हलचल उम्मीदों ने मचाई
उषा आई, उषा आई