भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बिटिया की गुड़िया / प्रमोद कुमार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> मेरी छोटी बिटिय…)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:20, 13 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

मेरी छोटी बिटिया ने
बनाई एक गुड़िया
हमारे जाने

उसने निकाले उसके बड़े-बड़े हाथ
लम्बे-लम्बे पैर
बातें करने के लिए
खोले उसके मुँह, कान

बिटिया दिन भर हँसाती है उसे
रुलाती है बार-बार
इतना प्यार देती है मेरी बिटिया,
कि
ज़िन्दा हो जाती है गुड़िया
करने लगती है वह भी प्यार
वह समझने लगती है पापा से ज़्यादा
बतियाने मम्मी से ज़्यादा
वह अपने पैरों से चल कर जाती है
और ऑफ़ कर देती है टी०वी०
हमारे बिना जाने ।