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"उपले / सुरेश सेन नि‍शांत" के अवतरणों में अंतर

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12:30, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

फटती हुई पौ में
पाथती हुई उपले
वह औरत

पाथती हुई
अपने सुख और दुख
गर्मी और सर्दी से
भीगे हुए जुझारू दिन

उपलों पे भरी हुई हैं
पीड़ा भरी हथेलियाँ
हाथ की रेखाएँ ।