भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आओ मनमोहना जी जोऊं थांरी बाट / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} राग टोडी आओ मनमोहना जी जोऊं थांरी बाट।<br> ख...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=मीराबाई | |रचनाकार=मीराबाई | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
+ | {{KKAnthologyKrushn}} | ||
राग टोडी | राग टोडी | ||
20:23, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
राग टोडी
आओ मनमोहना जी जोऊं थांरी बाट।
खान पान मोहि नैक न भावै नैणन लगे कपाट॥
तुम आयां बिन सुख नहिं मेरे दिल में बहोत उचाट।
मीरा कहै मैं बई रावरी, छांड़ो नाहिं निराट॥
शब्दार्थ :- जोऊं थारी बाट = तेरी राह देखती हूं। आयां बिनि =बिना आये। उचाट =बेचैनी। निराट = असहाय।