भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पिता, पति, पुत्र / तस्लीमा नसरीन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तस्लीमा नसरीन |संग्रह= }} <Poem> अगर तुम्हारा जन्म ना...)
 
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=तस्लीमा नसरीन
 
|रचनाकार=तस्लीमा नसरीन
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
}}
+
}}{{KKCatKavita}}
 +
{{KKAnthologyPita}}
 
<Poem>
 
<Poem>
 
अगर तुम्हारा जन्म नारी के रूप मे हुआ है तो
 
अगर तुम्हारा जन्म नारी के रूप मे हुआ है तो

01:05, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

अगर तुम्हारा जन्म नारी के रूप मे हुआ है तो
बचपन में तुम पर
शासन करेंगे पिता
अगर तुम अपना बचपन बिता चुकी हो
नारी के रूप में
तो जवानी में तुम पर
राज करेगा पति
अगर जवानी की दहलीज़
पार कर चुकी होगी
तो बुढ़ापे में
रहोगी पुत्र के अधीन


जीवन-भर तुम पर
राज कर रहे हैं ये पुरुष
अब तुम बनो मनुष्य
क्योंकि वह किसी की नहीं मानता अधीनता -
वह अपने जन्म से ही
करता है अर्जित स्वाधीनता


अनुवाद : शम्पा भट्टाचार्य