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"जस का तस / ओम प्रभाकर" के अवतरणों में अंतर
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बेटी माँ से | बेटी माँ से | ||
जो पढ़ती है | जो पढ़ती है | ||
− | बच्चों में वो कुल लिखती | + | बच्चों में वो कुल लिखती है । |
सहर लिखे | सहर लिखे | ||
उसकी पेशानी | उसकी पेशानी | ||
− | शब उसके काकुल लिखती | + | शब उसके काकुल लिखती है । |
हर लम्हे वो | हर लम्हे वो | ||
− | फ़लक | + | फ़लक वक़्त की |
− | जस का तस बिल्कुल लिखती | + | जस का तस बिल्कुल लिखती है । |
जब लिखती है | जब लिखती है | ||
हवा इबारत | हवा इबारत | ||
− | पानी पर ढुलमुल लिखती | + | पानी पर ढुलमुल लिखती है । |
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10:45, 3 मई 2011 के समय का अवतरण
शाख़-शाख़ बुलबुल
लिखती है
पत्ता-पत्ता गुल
लिखती है ।
बेटी माँ से
जो पढ़ती है
बच्चों में वो कुल लिखती है ।
सहर लिखे
उसकी पेशानी
शब उसके काकुल लिखती है ।
हर लम्हे वो
फ़लक वक़्त की
जस का तस बिल्कुल लिखती है ।
जब लिखती है
हवा इबारत
पानी पर ढुलमुल लिखती है ।