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"प्यासी आँखें / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’" के अवतरणों में अंतर

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22:33, 3 मई 2011 के समय का अवतरण

कहें क्या बातें आँखों की ।
चाल चलती हैं मनमानी ।
सदा पानी में डूबी रह ।
नहीं रख सकती हैं पानी ।।१।।

लगन है रोग या जलन है ।
किसी को कब यह बतलाया ।
जल भरा रहता है उनमें ।
पर उन्हें प्यासी ही पाया ।।२।।