भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"इंतज़ार / शैलप्रिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शैलप्रिया |संग्रह=अपने लिए / शैलप्रिया }} {{KKCatKavita}} <poe…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:13, 9 मई 2011 के समय का अवतरण
नीलाकाश के
कोने का मेघ
बालकनी में खड़ी
लड़की की तरह उदास है
गर्म हवा
बादलों को तैराती है
पंख भरती तितलियाँ
नीचे उतरती हैं
ऐसे में
परिक्रमा करती पृथ्वी का
चेहरा टेढ़ा हो गया है
प्रतीक्षित हूँ
इस मापदंड को मापने
के लिए
शायद
मेरा पुनर्जन्म हो