भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मिट्टी / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नरेश सक्सेना |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> नफ़रत पैदा करती …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:05, 19 मई 2011 का अवतरण
नफ़रत पैदा करती है नफ़रत
और प्रेम से जनमता है प्रेम
इंसान तो इंसान, धर्मग्रंथों का यह ज्ञान
तो मिट्टी तक के सामने ठिठक्कर रह जाता है
मिट्टी के इतिहास में मिट्टी के खिलौने हैं
खिलौनों के इतिहास में हैं बच्चे
और बच्चों के इतिहास में बहुत से स्वप्न हैं
जिन्हें अभी पूरी तरह देखा जाना शेष है
नौ बरस की टीकू तक जानती है ये बात
कि मिट्टी से फूल पैदा होते हैं
फूलों से शहद पैदा होता है
और शहद से पैदा होती है बाक़ी कायनात
मिट्टी से मिट्टी पैदा नहीं होती