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और राजा को क्यों हटाया?
महारानी जी! थरूर पर हुई थू-थू
फिर भी कम नही नहीं हुई मनमोहन की मुस्कान
ये सब के सब तो आप के ही प्यादे हैं न
राज आपका
ज़रूर टूटेगा एक दिन इंद्रजाल
और भूखी-नंगी जनता को लगेगा आपमें नहीं बसती है सत्य हरिश्चंद्र की आत्मा ।
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