भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चिकमंगलूर / निरंकार देव सेवक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निरंकार देव सेवक |संग्रह= }} {{KKCatBaalKavita}} <poem> एक शहर है च…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:23, 27 मई 2011 का अवतरण
एक शहर है चिकमंगलूर,
रहते वहाँ बहुत लँगूर ।
एक बार जब मियाँ गफ़ूर,
खाने गए वहाँ अँगूर ।
बिल्ली एक निकल आई,
वह तो थी उनकी ताई ।
टाँग पकड़कर पटकी दी,
जय हो बिल्ली ताई की ।