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"नाकाबाती छीं / बालकृष्ण गर्ग" के अवतरणों में अंतर

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23:37, 27 मई 2011 के समय का अवतरण

सर्दी में थर-थर,
गर्मी में लू-लू ।

तुम करते हा-हा,
हम करते हू-हू ।

मीठा-मीठा गप,
कड़वा-कड़वा थू ।

नाकाबाती छीं,
कानाबाती कू ।