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"इंसान / शमशाद इलाही अंसारी" के अवतरणों में अंतर

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23:05, 2 जून 2011 के समय का अवतरण

उसने शेख़ से पूछा
कि तुम पहले शेख़ हो या कि इंसान ?
शेख़ जी तिलमिलाए, बोले
मैं हूँ पहले शेख़, बाद में इंसान
उसने फ़िर एक पंडित से
यही प्रश्न किया
पंडित जी अचकचाए और बोले
मैं पंडित ही पैदा हुआ हूँ
पंडित ही मरुँगा ।
जब एक ईसाई से उसने यह प्रश्न किया
ईसाई भी बोला वह प्रथम और अंतिम रूप से
ईसाई ही है
यहूदी ने भी दृढ़ता से यही उत्तर दिया
बौद्ध भी यही बोला
जैन का उत्तर भी यही
सिख ने भी यही कहा
और यह प्रश्नोत्तर का
सिलसिला तब तक चला
जब तक यह प्रश्न उस
अंतिम व्यक्ति तक न आ गया
जिसने कहा
इंसान
और वह
मैं हूँ ।

रचनाकाल : 19.07.2010