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"मतलब की बात / नील कमल" के अवतरणों में अंतर

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संदर्भ से कटा मुख्य विषय
उस छूटी बात जितना ही
होता है अधूरा
जितने में हो सकती है बात
दुमका की
दिल्ली कोलकाता पटना के बरक्स

आप फ़र्ज़ करें
कि दिल्ली वाले कोलकाता को
नहीं मानते सुंदर
कोलकाता वाले भी पटना को
नहीं कहते सुंदर
पटना वाले दुमका को इसी तर्ज पर
सुंदर नहीं कहते

जब आप कहते हैं
अमुक आदमी सुंदर है
एक ऐसा आदमी
आप खड़ा करते हैं
उसके बरक्स, जो सुंदर नहीं है

जिसे सुंदर नहीं मानता
आपका सौंदर्यबोध, लेकिन
जो फिर भी आदमी है

जब आप कहते हैं
अमुक चीज़ सुंदर है
एक बात छूट जाती है
जो आप नहीं कहते
लेकिन जो मतलब की बात है ।