भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"शेरपा-4 / नील कमल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नील कमल |संग्रह=हाथ सुंदर लगते हैं / नील कमल }} {{KKCatKa…)
 
पंक्ति 43: पंक्ति 43:
 
अब इस पृथ्वी पर
 
अब इस पृथ्वी पर
 
ढूँढता हूँ तुम्हारे
 
ढूँढता हूँ तुम्हारे
क़दमों के निशान।
+
क़दमों के निशान ।
 
</poem>
 
</poem>

15:30, 6 जून 2011 का अवतरण