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"उसके पहलू से लग के चलते हैं / जॉन एलिया" के अवतरणों में अंतर
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मै उसी तरह तो बहलता हूँ | मै उसी तरह तो बहलता हूँ | ||
− | और सब जिस तरह | + | और सब जिस तरह बहलतें हैं |
वो है जान अब हर एक महफ़िल की | वो है जान अब हर एक महफ़िल की | ||
− | हम भी अब | + | हम भी अब घर से कम निकलते हैं |
− | क्या | + | क्या तकल्लुफ्फ़ करें ये कहने में |
− | जो भी | + | जो भी खुश है हम उससे जलते हैं |
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23:31, 9 जून 2011 के समय का अवतरण
उसके पहलू से लग के चलते हैं
हम कहीं टालने से टलते हैं
मै उसी तरह तो बहलता हूँ
और सब जिस तरह बहलतें हैं
वो है जान अब हर एक महफ़िल की
हम भी अब घर से कम निकलते हैं
क्या तकल्लुफ्फ़ करें ये कहने में
जो भी खुश है हम उससे जलते हैं