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"दहशत / विश्वनाथप्रसाद तिवारी" के अवतरणों में अंतर
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23:25, 12 जून 2011 के समय का अवतरण
मैंने उन्हें प्यार करते देखा
चाँदनी कातिक की
और रात एक पारदर्शी झील-जैसी
वे दोनों फूल की तरह थरथरा रहे थे
एक छोटे हरसिंगार के नीचे
मैंने उन्हें प्यार करते देखा
मुझे अचरज हुआ
मैं उनके साहस पर मुग्ध हुआ
मुझे आशंका हुई
मैंने उन्हें प्यार करते देख लिया था ।