"विगत / लीना मल्होत्रा" के अवतरणों में अंतर
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीना मल्होत्रा |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> वह एक वीरान …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:28, 13 जून 2011 के समय का अवतरण
वह एक वीरान सड़क थी
उसमे विगत की हँसी के कुछ पद-चिन्ह थे
वह निकली थी घर से
गुम हो जाने के लिए
उसके पास एक झोला था
जिसमें एक ख़ुदकुशी किया हुआ समंदर था
वह उसे बहुत आत्मीय था
वह दर्द को सम्हाल कर रख सकती थी
और रोयेंदार घास की तरह बिछा कर अपनी ज़िन्दगी को मुलायम कर लेती थी
उसने चुनी थी कसक
हालांकि प्रेम उसे उपलब्ध था क्योंकि वह सुन्दर थी
लेकिन उसने चुनी थी कसक और प्रतीक्षा
ताकि वह ख़ुद से प्रेम कर सके
और चुना एक अजनबी शहर
जहाँ सब लोग निर्वासित कर दिए गए थे
और पेड़ों का मेला लगा था
और यहाँ वह कुछ दिन सुकून से जी सकती थी
यहाँ उसे कोई नहीं जानता
कोई यह भी नहीं जानता कि सिजोफ़्रेनिक है वह
और उसके साथ क्या हुआ था
जब उसका बच्चा रोता है तो पता है उसे
कि उसे दूध पिलाना है ।