भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एलीट पार्क / ज्ञान प्रकाश चौबे" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ज्ञान प्रकाश चौबे |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> सुन सकते हो…)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:17, 21 जून 2011 के समय का अवतरण

सुन सकते हो
हमारी धड़कनों में
बज रहे संगीत के सुरों को
रंग व रेखाओं से परे
रचते नए चित्र
उमंग की लहरों पर
अनगढ़ी उड़ान भरते हुए
हमारे प्रेम को

हम सदी के
सफ़ेद कबूतरों को
छुपाए अपनी गोद मे
क्या सोच रहे हो
इस बरस रही
बारिश की बूँदों के बीच
अन्तस तक भीगते हुए

लिखो न
कोई कविता कोई गीत
तुमसे अच्छा कौन जानेगा
लगातार दिवार के पीछे
चुने जा रहे प्रेम की भाषा को
तुम्हीं पढ़ सकते हो
हमारी तस्वीरों में लिखी
इबारतों को
कि हम मिलतें रहेंगे
या यूँ ही
किसी समय के कोने मे
दफ़्न कर दिए जाएँगे
भविष्य में कटे पंखों के साथ
अन्तहीन यात्रा के लिए