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"कौन जाने उस तरफ कोई किनारा हो, न हो! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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है हमीं-सा चाँद भी किस्मत का मारा हो न हो!
 
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हमसे छिप सकती नहीं रंगत किसी के प्यार की
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हमसे छिप सकती नहीं रंगत किसीके प्यार की
 
दिल तो धड़का है, निगाहों का इशारा हो, न हो
 
दिल तो धड़का है, निगाहों का इशारा हो, न हो
  

01:00, 1 जुलाई 2011 का अवतरण


कौन जाने उस तरफ कोई किनारा हो, न हो!
मिल भी जाओ आज, कल मिलना हमारा हो, न हो

रात भर जंगल-पहाडों में भटकता फिर रहा
है हमीं-सा चाँद भी किस्मत का मारा हो न हो!

हमसे छिप सकती नहीं रंगत किसीके प्यार की
दिल तो धड़का है, निगाहों का इशारा हो, न हो

आज तो मिलती है उन आँखों की ख़ुशबू दूर से
क्या पता कल राह में यह भी सहारा हो, न हो!

यों तो शोभा बढ़ गयी इस बाग़ की तुझसे, गुलाब!
प्यार की शोख़ी मगर उनको गवारा हो, न हो!