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22:44, 1 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

ट्राट्स्की की पुस्तक ‘रूसी क्रान्ति का इतिहास’ पढ़ते हुए

वे सब जो विजयी होकर लौटे हैं,
ज़िन्दा बचे हैं,
सच्चे हैं, देशभक्त हैं, महापुरुष हैं;

वे सब जो हार गए,
खेत रहे,
झूठे थे, गद्दार थे, दुष्ट थे ।

नीति कहती है:
सत्य की हमेशा जीत होती है

इतिहास कहता है:
जो जीतता है वह सत्य कहा जाता है ।