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"कितने दिए बुझाये होंगे / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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00:40, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
कितने दिए बुझाए होंगे
तब साजन घर आये होंगे
नाहक़ प्यार का दम भरना है
कल ये बोल पराये होंगे
साज़ सभी ने छेडा, लेकिन
सुर में हमीं रह पाये होंगे
हैरत है जब तक न मिले थे
हम क्या करते आये होंगे
इतने लाल गुलाब कहाँ थे!
तुमने नयन मिलाये होंगे