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"एक अनजान के घेरे में बंद हैं हम लोग / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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उदास साँझ, हवा सर्द है, बादल हैं घिरे | उदास साँझ, हवा सर्द है, बादल हैं घिरे |
00:44, 2 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
एक अनजान के घेरे में बंद हैं हम लोग
ख़ुद अपने मन के अँधेरे में बंद हैं हम लोग
उदास साँझ, हवा सर्द है, बादल हैं घिरे
और परदेस के डेरे में बंद हैं हम लोग
उन्हें भी आपकी ख़ुशबू ने छू लिया है, गुलाब!
जो कह रहे हैं कि घेरे में बंद हैं हम लोग