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"हो न मुश्किल ये तड़पना मगर आसान नहीं / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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एक आँखों का हो सपना मगर आसान नहीं | एक आँखों का हो सपना मगर आसान नहीं | ||
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तेरा इस भीड़ में खपना मगर आसान नहीं | तेरा इस भीड़ में खपना मगर आसान नहीं | ||
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21:39, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
हो न मुश्किल ये तड़पना मगर आसान नहीं
काम आसान है अपना, मगर आसान नहीं
जान देना तो है आसान बहुत लपटों में
उम्र भर आग में तपना मगर आसान नहीं
हम उसीके हैं, उसीके हैं, उसीके हैं सदा
वह भी समझे हमें अपना मगर आसान नहीं
एक ही रात है, नींद एक है, बिस्तर है एक
एक आँखों का हो सपना मगर आसान नहीं
यों तो राही हैं सभी एक ही मंज़िल के, गुलाब!
तेरा इस भीड़ में खपना मगर आसान नहीं