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"बाढ़-3 / अच्युतानंद मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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22:39, 5 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
जब डूब रहा था
सब-कुछ
तुम अपने
मज़बूत किले में बंद थे
जब डूब चुका है
सब-कुछ
तुम्हारे चेहरे पर अफ़सोस है
तुम डूबे हुए आदमी के
प्रतिनिधि हो...