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"बाढ़-3 / अच्युतानंद मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अच्युतानंद मिश्र |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> जब डूब रहा…)
 
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22:39, 5 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

जब डूब रहा था
सब-कुछ
तुम अपने
मज़बूत किले में बंद थे

जब डूब चुका है
सब-कुछ
तुम्हारे चेहरे पर अफ़सोस है
तुम डूबे हुए आदमी के
प्रतिनिधि हो...