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21:36, 6 जुलाई 2011 का अवतरण

मैं क़ैद हूँ
औरत की परिभाषा में

मैं क़ैद हूँ
अपने ही बनाए रिश्तों और
संबंधों के मकड़जाल में।

मैं क़ैद हूँ
कोख की बंद क्यारी में।

मैं क़ैद हूँ
माँ के अपनत्व में।

मैं क़ैद हूँ
पति के निजत्व में

और
मैं क़ैद हूँ
अपने ही स्वामित्व में।

मैं क़ैद हूँ
अपने ही में।