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"मुसहर / अच्युतानंद मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अच्युतानंद मिश्र |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> गाँव से लौ…)
 
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22:27, 6 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

गाँव से लौटते हुए
इस बार पिता ने सारा सामान
लदवा दिया
ठकवा मुसहर की पीठ पर

कितने बरस लग गए ये जानने में
मुसहर किसी जाति को नहीं
दुःख को कहते हैं