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सात हाइकु / जगदीश व्योम

7 bytes removed, 13:32, 10 अगस्त 2011
मरने न दो
परंपराओं को परंपराएँ कभी
बचोगे तभी।
छीन लेता है
घनी धनी मेघों से जल
दानी पहाड़
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