भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जितना तुम / कीर्ति चौधरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कीर्ति चौधरी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> जितना तुम रोते …)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:06, 13 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

जितना तुम रोते हो उतना मैं भी रोता,
जितना तुम खोते हो, उतना मैं भी खोता
जैसा कह पाते हो वैसा यदि कह लेता
दर्द तुला पर तुम्हीं बराबर मैं भी देता।