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"तस्लीमा नसरीन : चार / अग्निशेखर" के अवतरणों में अंतर

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जैसे हम कर चुके हों जीते जी  
 
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अपना क्रिया-कर्म
 
अपना क्रिया-कर्म
और अब म्रत्युन्जय नागरिक हैं  
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और अब मृत्युंजय नागरिक हैं  
जैसे हम आये हों कुछ दिनों के लिए
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जैसे हम आए हों कुछ दिनों के लिए
 
अपने ही देश में सैलानियाँ कि तरह  
 
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और हमें किसी से क्या लेना देना  
 
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जैसे हमने युद्ध में दाल दिए हों  
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हथियार
 
हथियार
 
और अब हो जो हो निर्विरोध  
 
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इस देश के बारे में  
 
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अपने वतन से भागते हुए
 
अपने वतन से भागते हुए
हथेलियों में जान लिए </poem>
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हथेलियों में जान लिए  
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20:12, 30 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

जैसे हम कर चुके हों जीते जी
अपना क्रिया-कर्म
और अब मृत्युंजय नागरिक हैं
जैसे हम आए हों कुछ दिनों के लिए
अपने ही देश में सैलानियाँ कि तरह
और हमें किसी से क्या लेना देना
जैसे हमने युद्ध में डाल दिए हों
हथियार
और अब हो जो हो निर्विरोध

तुम भी नहीं जानती थीं मेरी तरह
इस देश के बारे में
अपने वतन से भागते हुए
हथेलियों में जान लिए