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"जमाना क्यूं उसे कहता भला है / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"" के अवतरणों में अंतर

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जमाना क्यूं उसे कहता भला है
 
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उजाले उसको ही रौशन हैं करते
 
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तेरी तस्वीर जब भी देखता हूं
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मुझे लागता है मेरा तू खुदा है
 
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पता घर का न पूछा नाम उसका
 
पता घर का न पूछा नाम उसका
ये चिठ्ठी कौन"आज़र" दे गया  
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ये चिठ्ठी कौन"आज़र" दे गया है
  
 
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06:14, 16 सितम्बर 2011 का अवतरण


जमाना क्यूं उसे कहता भला है
अगर वो आदमी इतना बुरा है

नगर में आग बरसी ही नहीं तो
धुआं आखिर उठा तो क्यूं उठा है

उजाले उसको ही रौशन हैं करते
हमेशा जो अंधेरो से लड़ा है

तेरी तस्वीर जब भी देखता हूं
मुझे लागता है मेरा तू खुदा है

पता घर का न पूछा नाम उसका
ये चिठ्ठी कौन"आज़र" दे गया है