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"ध्रुवतारा / पद्मजा शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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चमक रहा था धु्रवतारा
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चेहरे पर सूरज का तेज

15:39, 2 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण


कल रात
तुम्हारे माथे पर
चमक रहा था ध्रुवतारा
कलाई में चाँद
चेहरे पर सूरज का तेज
आँखों में उतरा था आकाश
तुम चल रही थी लहरों-सी
गुनगुनाती हुई वह गीत
जो मैं लिख रहा था
तुम्हें देखकर
कल रात।