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"चल ततइया ! / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर

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कुछ काले कोट कचहरी के ।
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चल ततइया !
  
ये उतरें रोज़ अखाड़े में
 
सिर से भी ऊँचे भाड़े में
 
पूरे हैं नंगे झाड़े में
 
  
ये कंठ-लंगोट कचहरी के ।
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काट तन मोटी व्यवस्था का
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जो धकेले जा रही है
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देश का पइया !
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चल ततइया !
  
बैठे रहते मौनी साधे
 
गद्दी पै कानूनी पाधे
 
पूरे में से उनके आधे-
 
  
हैं आधे नोट कचहरी के ।
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छोड़ मीठा गुड़
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तू वहाँ तक उड़
  
छलनी कर देते आँतों को
 
अच्छे-अच्छों के दाँतों को
 
तोड़े सब रिश्ते-नातों को
 
  
ये हैं अखरोट कचहरी के ।
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है जहाँ पर क़ैद पेटों में रुपइया !
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चल ततइया !!
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डंक कर पैना
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चल बढ़ा सेना
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थाम तुरही, छोड़कर मीठा पपइया !!
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चल ततइया !!
 
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22:40, 18 नवम्बर 2011 का अवतरण

चल ततइया !


काट तन मोटी व्यवस्था का
जो धकेले जा रही है
देश का पइया !
चल ततइया !


छोड़ मीठा गुड़
तू वहाँ तक उड़


है जहाँ पर क़ैद पेटों में रुपइया !
चल ततइया !!


डंक कर पैना
चल बढ़ा सेना


थाम तुरही, छोड़कर मीठा पपइया !!
चल ततइया !!