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"तूने ओ रँगीले कैसा जादू किया / मजरूह सुल्तानपुरी" के अवतरणों में अंतर

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तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया \-२
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तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया  
पीया पीया बोले मतवाला जीआ
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पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया
 
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बाँहों में छुपा के ये क्या किया?
बाहों में छुपा के ये क्या किया
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ओ रे पिया! ओ ...
ओ रे पिया ओ ...
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तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
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पीया पीया बोले मतवाला जीआ
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पास बुला के, गले से लगा के
 
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रही नो वो कल वाली दुनिया
 
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सपने दिखाके तू ने ये क्या किया
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ओ रे पिया ओ ...
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ओ रे पिया! ओ ...
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तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
 
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पीया पीया बोले मतवाला जीआ
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पिया पिया बोले मतवाला जिया
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ओ मेरे साजन! कैसी ये धड़कन
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शोर मचाने लगी मन में
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जैसे लहराए नदिया का पानी
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लहर उठे रे मेरे तन में
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मुझ में समा के ये क्या किया?
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ओ रे पिया! ओ ...
  
(ओ मेरे साजन कैसी ये धड़कन
 
शोर मचाने लगी मन में
 
जैसे लहराए नदिया का पानी
 
लहर उठे रे मेरे तन में)  \-२
 
मुझ में समा के ये क्या किया
 
ओ रे पिया ओ ...
 
 
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
 
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पीया पीया बोले मतवाला जीआ
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पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया
 
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बाँहों में छुपा के ये क्या किया?
बाहों में छुपा के ये क्या किया
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ओ रे पिया! ओ ...
ओ रे पिया ओ ...
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16:58, 25 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया
बाँहों में छुपा के ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...

पास बुला के, गले से लगा के
तू ने तो बदल डाली दुनिया
नए हैं नज़ारे, नए हैं इशारे
रही नो वो कल वाली दुनिया
सपने दिखाके तू ने ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...

तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पिया पिया बोले मतवाला जिया

ओ मेरे साजन! कैसी ये धड़कन
शोर मचाने लगी मन में
जैसे लहराए नदिया का पानी
लहर उठे रे मेरे तन में
मुझ में समा के ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...

तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया
बाँहों में छुपा के ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...