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"माया / दुष्यंत कुमार" के अवतरणों में अंतर

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12:30, 30 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

दूध के कटोरे सा चाँद उग आया।
बालकों सरीखा यह मन ललचाया।
(आह री माया!
इतना कहाँ है मेरे पास सरमाया?
जीवन गँवाया!)