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नंदगोपाल राधिका जय-जय, नांचे नंद किशोर।
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वृंदावन बृजधाम धाम में, शुभ वसंत बस रही श्याम में,
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हरियाली छाई मनमोहन, देखो तो हर ठौर।
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वृजबाला गोपी व गवाला, रंग रंग का ओढ़ दुसाला,
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यमुना तट पर गायरहे सब, होकर प्रेम विभोर।
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कहे शिवदीन रसिक जन साधू, मधुरे बोले मोर।
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रंग गुलाल उडाने वारे, श्रीराधा के हो तुम प्यारे,
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पूरण ब्रह्म रसिला कृष्णा, मन मोहक चित चोर।
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13:49, 5 दिसम्बर 2011 का अवतरण

शिवदीन राम जोशी
Shivdeen-ram-joshi.jpg
जन्म 10 जून 1921
निधन 27 जुलाई 2006
उपनाम
जन्म स्थान खंडेला, सीकर, राजस्थान
कुछ प्रमुख कृतियाँ
अनुभव लहर, कृष्ण सुदामा चरित्र, छंद तरंग
विविध
जीवन परिचय
शिवदीन राम जोशी / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/{{{shorturl}}}

लाल रंग बरसत चारों ओर। नंदगोपाल राधिका जय-जय, नांचे नंद किशोर। वृंदावन बृजधाम धाम में, शुभ वसंत बस रही श्याम में, हरियाली छाई मनमोहन, देखो तो हर ठौर। वृजबाला गोपी व गवाला, रंग रंग का ओढ़ दुसाला, यमुना तट पर गायरहे सब, होकर प्रेम विभोर। लहरों में श्यामा लहराई, बंसी श्यामा श्याम बजाई, कहे शिवदीन रसिक जन साधू, मधुरे बोले मोर। रंग गुलाल उडाने वारे, श्रीराधा के हो तुम प्यारे, पूरण ब्रह्म रसिला कृष्णा, मन मोहक चित चोर।