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"तोड़ो / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

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तोड़ो तोड़ो तोड़ो
 
तोड़ो तोड़ो तोड़ो
 
 
ये पत्‍थर ये चट्टानें
 
ये पत्‍थर ये चट्टानें
 
 
ये झूठे बंधन टूटें
 
ये झूठे बंधन टूटें
 
 
तो धरती का हम जानें
 
तो धरती का हम जानें
 
 
सुनते हैं मिट्टी में रस है जिससे उगती दूब है
 
सुनते हैं मिट्टी में रस है जिससे उगती दूब है
 
 
अपने मन के मैदानों पर व्‍यापी कैसी ऊब है
 
अपने मन के मैदानों पर व्‍यापी कैसी ऊब है
 
 
आधे आधे गाने
 
आधे आधे गाने
 
  
 
तोड़ो तोड़ो तोड़ो
 
तोड़ो तोड़ो तोड़ो
 
 
ये ऊसर बंजर तोड़ो
 
ये ऊसर बंजर तोड़ो
 
 
ये चरती परती तोड़ो
 
ये चरती परती तोड़ो
 
 
सब खेत बनाकर छोड़ो
 
सब खेत बनाकर छोड़ो
 
 
मिट्टी में रस होगा ही जब वह पोसेगी बीज को
 
मिट्टी में रस होगा ही जब वह पोसेगी बीज को
 
 
हम इसको क्‍या कर डालें इस अपने मन की खीज को?
 
हम इसको क्‍या कर डालें इस अपने मन की खीज को?
 
 
गोड़ो गोड़ो गोड़ो
 
गोड़ो गोड़ो गोड़ो
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20:46, 17 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

तोड़ो तोड़ो तोड़ो
ये पत्‍थर ये चट्टानें
ये झूठे बंधन टूटें
तो धरती का हम जानें
सुनते हैं मिट्टी में रस है जिससे उगती दूब है
अपने मन के मैदानों पर व्‍यापी कैसी ऊब है
आधे आधे गाने

तोड़ो तोड़ो तोड़ो
ये ऊसर बंजर तोड़ो
ये चरती परती तोड़ो
सब खेत बनाकर छोड़ो
मिट्टी में रस होगा ही जब वह पोसेगी बीज को
हम इसको क्‍या कर डालें इस अपने मन की खीज को?
गोड़ो गोड़ो गोड़ो