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"कैसे / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर
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00:42, 19 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
मै अलग रहूँ
तेरी क्षुद्र अकुलाहट से मेरी यह विशालतर करुणा
अलग रहे—
यह कैसे सम्भव है ?
तू मिल, मिलकर शान्त हो
वह मिलना भूल जा
तेरे उस तन्मय क्षण से मेरा जीवन-धन
कैसे अलग रहे ?