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"अनुभव / ज़्यून तकामी" के अवतरणों में अंतर

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02:02, 8 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

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»  अनुभव

मैं लेटा हुआ था
औ' दीवार पर लगे आईने में
झलक रहा था बग़ीचा

तभी कोशिश की मैंने
यह देखने की—

कैसे समा जाती है हरियाली
इस आईने में

अचानक
आकाश की चमक से
मेरी आँखें चौंधियाईं
और मुझे चक्कर आने लगा

मेरी जान निकल गई
सिर घूम रहा था
और बेतहाशा
दर्द हो रहा था मेरे सिर में

रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय