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"डरपत मन मोरा / सुधीर सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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12:50, 8 फ़रवरी 2012 का अवतरण
सुनो,
राम जी !
आकाश में जब भी गरजते हैं मेघ,
कड़कती हैं बिजलियां
मेरा भी मन डरता है
ठीक तुम्हारी तरह
प्रिया से दूर हूं मैं
इंद्रप्रस्थ में एकाकी.