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"हत्यारा / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर

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                       हत्याओं के बारे में
 
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20:17, 13 अप्रैल 2012 का अवतरण

हत्यारा पहने हुए है सबसे महंगे कपड़े

हत्यारे के सारे दांत सोने के हैं पर आंते पैदायशी

हत्यारे के मुंह में जीभ चमड़े की पर चम्मच चांदी का है

हत्यारे का पांव घायल मगर जूता लोहे का

हाथ हड्डी के मगर दस्ताने प्लेटिनम के हैं

हत्यारे के पास करने के लिए हैं कई वारदातेकं

कई दुर्घटनायें

देने को हैं कई जलसे कई समारोह

कई व्यवस्था- विरोध और कई शोक-सभाए

मगर अब तो वह विचार भी देने लगा है

पहले विचार की हत्या के साथ

हत्यारा चाहता है तमाम सुंदर और मजबूत विचार

                      हत्याओं के बारे में

                      वह चाहता है जितने भी सुंदर और मजबूत विचार हों

                      सब उसी के हों

                      वह फेंके और विचार चल पड़ें

                      वह मारे और विचार जीवित हों

                       वह गाड़े और विचार फूट पड़ें

                       हत्यारा पूरा माहौल बदलना चाहता है

                      वह आए और शब्द सन्नाटे में बदल जांय

                       वह बोले और भाषा जम जाए

                       हत्या हो समारोह हो और विचार हों सिर्फ उसके