भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 118: पंक्ति 118:
 
                                                                                             </sort>
 
                                                                                             </sort>
 
'''हाइकु'''
 
'''हाइकु'''
* [[हाइकु 1-10/ रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]
+
* [[मेघ बरसे/ रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]
 
* [[हाइकु 11-20/ रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]
 
* [[हाइकु 11-20/ रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]
 
* [[हाइकु 21-30 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]
 
* [[हाइकु 21-30 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]

13:19, 16 अप्रैल 2012 का अवतरण

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
Rameshwer dayal kamboj.jpg
जन्म 19 मार्च 1949
निधन
उपनाम हिमांशु
जन्म स्थान ग्राम हरिपुर, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत ।
कुछ प्रमुख कृतियाँ
माटी,पानी और हवा,अँजुरी भर आसीस,कुकड़ूकूँ, हुआ सवेरा,असभ्य नगर(लघुकथा संग्रह),खूँटी पर टँगी आत्मा(व्यंग्य -संग्रह), मेरे सात जनम ( हाइकु-संग्रह), मिले किनारे( तांका और चोका -संग्रह डॉ0 हरदीप सन्धु के साथ)), बालमनोवैज्ञानिक लघुकथाएँ(सम्पादित), चन्दनमन (हाइकु संग्रह),

भाव-कलश (ताँका संग्रह) दोनों संग्रह डॉ0 भावना कुँअर के साथ सम्पादित

विविध
--
जीवन परिचय
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/{{{shorturl}}}
साँचा:हाइकु रचनाकार

<sort order="asc" class="ul">

                                                                                           </sort>

हाइकु

ताँका

चोका

बाल कविताएँ

(मेरी नानी, भारी बस्ता, पत्ता, दादा जी, रोमा)
(चाचा जी का बन्दर, तारे, तितली रानी, नन्हीं चींटी, मुर्गा बोला)
(माली, मोर, माता-पिता, बापू, तिरंगा)
(तोता, फल, मोटूराम, मेंढक जी, सवाल)
(रेल चली, हाथी दादा, प्यारे बादल, सावन आया, बादल)
(जब खेलने आये बच्चे, हरी पत्तियाँ, अक्कड़-बक्कड़)
(लोरी, आ भाई सूरज, धूप की चादर)
(हम चाँद बनेंगे, सूरज का गुस्सा, सबसे प्यारे, दो बदमाश )
(लाल बुझक्कड़,मेरे मामा ,गुड़िया रानी )
(मेरा घोड़ा , काली बिल्ली,देश हमारा)
(हुआ सवेरा ,प्यारे पक्षी ,मीठी बोली, )
( जंगल का गीत ,बन्दर अफ़लातून,नटखट बन्दर)
( जब सूरज जग जाता है,घर में आई बिल्ली ,चन्दा मेरे घर आना )